The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ॐ ऐं बीजं, ॐ ह्रीं शक्तिः, ॐ क्लीं कीलकम्,
कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
Something that should be pointed out is the fact such a way requires really hard Sadhna and Sacrifice from someone. At the same time, the detrimental impact of the slightest slip-up is The website main reason that Tantrik practices of achieving God tend to be reported to get averted.